
*Rewa news, उप स्वास्थ्य केंद्र पड़री मामले को कलेक्टर ने लिया संज्ञान दिए जांच के आदेश।.*.
रीवा जिले के सिरमौर विकासखंड अंतर्गत संचालित उप स्वास्थ्य केन्द्र पड़री में आए दिन ताला लटका रहता है ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची मीडिया की टीम ने समाचार कवरेज किया इस दौरान लोगों ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र पड़री हमेशा बंद रहती है मंगलवार को एक-दो घंटे कुछ कर्मचारी आकर अस्पताल का ताला खोलने हैं और फिर चले जाते हैं बताया गया है कि इस उप स्वास्थ्य केंद्र के हवाले 5000 से अधिक की आबादी है जिनको इस अस्पताल से इलाज का कोई लाभ नहीं मिलता लोगों ने बताया कि अपना इलाज करवाने के लिए निजी चिकित्सालय या सिरमौर में जाकर उपचार करवाते हैं इससे भी अधिक बड़ी जो बात सामने आई है वह रीवा की स्वास्थ्य व्यवस्था को हिला कर रख देने वाली है बताया गया है कि कुछ दिन पूर्व ग्राम डोल की एक प्रसव पीड़िता अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर को लगातार फोन लगा रही थी लेकिन डॉक्टर नहीं आए अस्पताल बंद थी और महिला दोपहर तक अस्पताल में तड़पती रही थकहार कर उपचार कराने निजी वाहन से रीवा संजय गांधी अस्पताल चली गई थी इसी प्रकार एक और मामला सामने आया जहां एक महिला सर्प दंश से पीड़ित थी उप स्वास्थ्य केन्द्र पडरी तो कभी खुलती नहीं है कोई कर्मचारी मुख्यालय में रहता भी नहीं है समय पर महिला को उपचार नहीं मिला देर से सिरमौर अस्पताल पहुंची और वहां गंभीर हालत होने के चलते रीवा संजय गांधी अस्पताल भेजा गया जहां महिला की मौत हो गई थी देखा जाए तो दोनों घटनाएं प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का पोल खोलती है ऐसे मामलों को मानव अधिकार आयोग द्वारा संज्ञान लेकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए।
अधिकारियों की नाकामी से बंद रहता है अस्पताल।
वैसे तो स्वास्थ्य विभाग दस्तक अभियान चल रहा था गांव-गांव घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा मौसमी बीमारियों से बचने के लिए लोगों का उपचार कर रहे थे उनको जागरुक कर रहे थे लेकिन यह सब कागजी घोड़ा कार्यक्रम था अगर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ईमानदारी के साथ यह अभियान चलाया जाता तो ग्राम पंचायत पड़री डोल सहित अन्य गांव जहां 5000 से अधिक आबादी है वहां की अस्पताल कैसे बंद रहती हालांकि विगत 3 महीने में उप स्वास्थ्य केन्द्र पडरी के बंद रहने की खबरें लगातार प्रकाशित होती रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों को यह बता देते थे कि यह समाचार रात में बनाई गई है देखा जाए तो सिरमौर क्षेत्र में अधिकांश अस्पताल है इसी तरह से बंद रहती है और घर में रहकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी सरकार से मुफ्त वेतन लेते हैं मीडिया में चल रही खबरों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संज्ञान भी नहीं लेते क्योंकि उन्हें पता है कि नीचे से ऊपर तक सभी प्राइवेट प्रैक्टिस.
एसडीएम ने लिया मामले को संज्ञान।
उप स्वास्थ्य केन्द्र पडरी के बंद रहने और खुलने का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता कई बार बीएमओ और सीएमएचओ को मीडिया कर्मियों द्वारा फोन लगाकर सूचना दी गई लेकिन उनके कानों में जूं तक नहीं रेंगी मामला जब सिरमौर एसडीएम आर के सिन्हा के पास पहुंचा उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए बीएमओ सिरमौर को तलब किया संबंधित डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया इसके साथ ही उप स्वास्थ्य केंद्र पड़री में पदस्थ सीएचो एबी गौतम द्वारा बैकुंठपुर सिविल अस्पताल के पास अवैध रूप से संचालित की जा रही क्लीनिक और मेडिकल स्टोर की जांच पड़ताल करने के निर्देश दिए हैं और जांच प्रतिवेदन मांगा है।
कलेक्टर ने दिया जांच के आदेश।
इस पूरे मामले की जानकारी जब कलेक्टर के पास पहुंची तब रीवा कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पल में सीएमएचओ रीवा को पूरे मामले की जांच करके प्रतिवेदन मंगाया है उन्होंने कहा कि मेरी संज्ञान में आया है कि अस्पताल बंद रहती है और प्रसव पीड़िता को उपचार नहीं मिला उप स्वास्थ्य केंद्र पडरी में पदस्थ सीएमएचओ द्वारा बैकुंठपुर में अवैध रूप से क्लीनिक और मेडिकल स्टोर संचालित किया जा रहा है इस पूरे मामले की जांच कर कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।.
*Biro report Satyendra Sharma Rewa*