सर्मिष्ठा नाग-कोलकाता 2026 में एआइ केंद्रित इंजीनियरिंग कोर्स शुरू करेगी सेंट जेवियर्स सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी (न्यूटाऊन) वर्ष 2026 में एआइ केंद्रित इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू करने जा रही है. यह जानकारी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर फादर फेलिक्स राज ने दी. उन्होंने बताया कि उनका संस्थान एआइ पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. इसमें कई नौकरियां पैदा करने की क्षमता है. कई उद्योग इकाइयां विशेषज्ञता वाले पेशेवरों की तलाश में हैं. यूनिवर्सिटी वर्ष 2026 में इंजीनियरिंग स्कूल और एआइ व कंप्यूटर विज्ञान में बीटेक कार्यक्रम शुरू करेगी. विवि ने न्यू टाउन कैंपस में वाणिज्य और मानविकी में पाठ्यक्रमों के साथ शुरुआत की और 2022 में सांख्यिकी और कंप्यूटर विज्ञान में पाठ्यक्रमों के साथ विज्ञान का एक स्कूल शुरू किया. यूनिवर्सिटी बीटेक. पाठ्यक्रमों के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने की प्रक्रिया में है. इंजीनियरिंग स्कूल डिजाइन में डिप्लोमा कोर्स भी करवायेगा.
वीसी ने बताया कि हम एआइ और कंप्यूटर विज्ञान में बीटेक कार्यक्रमों की शुरुआत के साथ 2026 में अपना इंजीनियरिंग स्कूल शुरू करेंगे. एआइ और मशीन लर्निंग ऐसे क्षेत्र हैं, जो तेजी से उभर रहे हैं. पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए उद्योग विशेषज्ञों के संपर्क में रहेंगे. विश्वविद्यालय बीटेक कक्षाओं और कार्यशालाओं के लिए एक अलग भवन का निर्माण कर रहा है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग जैसे पाठ्यक्रम बंगाल के प्रमुख संस्थानों में सबसे अधिक मांग वाले विषयों के रूप में तेजी से उभर रहे हैं. रामकृष्ण मिशन आवासीय कॉलेज, नरेंद्रपुर ने 2024-25 शैक्षणिक वर्ष से एआइ और डेटा साइंस में एमएससी पाठ्यक्रम शुरू किया. पाठ्यक्रम के लिए सामग्री तैयार करने से पहले विशेषज्ञों से सीखने के लिए कॉलेज ने एक इंडस्ट्री-एकेडमिक इंटरफ़ेस का आयोजन किया.
सेंट जेवियर्स कॉलेज, कलकत्ता के प्रिंसिपल फादर डोमिनिक सेवियो ने जनवरी में आयोजित दीक्षांत समारोह में कहा था कि कॉलेज एआइ और डेटा साइंस में बीएससी शुरू करने की योजना बना रहा है. सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी में प्रत्येक बीटेक पाठ्यक्रम में 60 छात्र होंगे. मेधावी छात्रों को आकर्षित करने के लक्ष्य से यह पहल की गयी है.
राज्य शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जादवपुर और कलकत्ता जैसे विश्वविद्यालय अपने बीटेक पाठ्यक्रमों में कई शीर्ष छात्रों को बनाये रखने में विफल रहते हैं और राज्य जेईई में कम रैंक वाले छात्रों के साथ रिक्त सीटें भरने के लिए बार-बार काउंसलिंग आयोजित करने में विफल रहते हैं. एआइ और मशीन लर्निंग जैसे नये जमाने के विषयों पर ध्यान केंद्रित नही कर पाते हैं. आज, जब एक होनहार छात्र नामांकन चाहता है, तो वह यह आकलन करता है कि संस्थान क्या नया प्रदान कर रहा है. नये जमाने के विषयों में पाठ्यक्रम पेश करने से इन संस्थानों को प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. अगर कोई संस्थान पारंपरिक विषयों पर कायम रहता है, तो वह एक बिंदु से आगे प्रगति नहीं कर सकते, इसलिए नये सब्जेक्ट को जोड़ने की अति आवश्यकता है