कौशिक नाग-कोलकाता पुलिस बल में किसी तरह की गुटबाजी बर्दाश्त नहीं : सीएम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डेढ़ महीने पहले प्रशासनिक समीक्षा बैठक में सीआइडी की भूमिका पर काफी नाराजगी जाहिर करते हुए इसमें पूर्ण फेरबदल की घोषणा की थी. उस घोषणा के मुताबिक नवंबर के तीसरे हफ्ते से दिसंबर के पहले हफ्ते के बीच उन्होंने राज्य पुलिस के कई शीर्ष पदों पर बड़ा फेरबदल किया. इसके बाद नये साल के दूसरे दिन गुरुवार को नबान्न में हुई इस वर्ष की पहली प्रशासनिक समीक्षा बैठक में ममता के निशाने पर फिर पुलिस रही.
ममता ने बैठक के दौरान सख्त लहजे में कहा कि वह पुलिस बल में किसी भी तरह की गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं करेंगी. मुख्यमंत्री के शब्दों में, पुलिस में गुटबाजी बंद होनी चाहिए. कोई पैरवी नहीं होनी चाहिए. ऐसे कई ईमानदार पुलिस अधिकारी हैं, जो कड़ी मेहनत करते हैं. ईमानदार अधिकारियों के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए. मुख्यमंत्री की बातों से साफ है कि उनके निशाने पर पुलिस के भीतर की गुटबाजी है. मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कई जिलों के एसपी की भूमिका को लेकर भी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें कड़ी फटकार लगायी.
दिनहाटा में दिल्ली पुलिस के अभियान पर जतायी नाराजगी : वहीं, मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कूचबिहार में दिल्ली पुलिस द्वारा प्रवासी श्रमिक के घर पर छापेमारी अभियान को लेकर नाराजगी व्यक्त की. मुख्यमंत्री ने सभी डीएम व जिला पुलिस अधीक्षकों से कहा कि अगर कोई अन्य राज्य की पुलिस जांच के लिए बंगाल आती है, तो उसे राज्य पुलिस के डीजीपी को सूचित किये बिना कहीं जाने नहीं दें. सबसे पहले इसे डीजीपी को इस बारे में सूचित करें. क्या दिल्ली पुलिस अभी भी प्रवासी श्रमिकों को उनके पहचान पत्र के बावजूद खोज रही है?