कुछ लोग अपनी तुच्छ मानसिकता का प्रदर्शन करते हुए महाकुंभ मेला क्षेत्र में पोस्टर लेकर खड़े थे कि हमारा महाकुंभ एक पाखंड है और ऐसे ही और सारे और माईक से अलाउंस भी कर रहे थे। और अपने तर्क से संबंधित किताबें भी बांट रहे थे। वहां से कुछ हमारे महान नागा संन्यासी गुजर रहे थे। उन्हें धर्म का अपमान और सनातन संस्कृति का अपमान सहन नहीं हुआ और उन्होंने कर दिया वह इलाज जिसके लिए वह जाने जाते हैं। अर्थात हमारे धर्म का अपमान हमारी सनातन संस्कृति का अपमान नहीं सहेंगे हम। हमारे संत ही ऐसे दुष्ट को ठीक करेंगे। ये कोई आया था प्रयाग में मेरे कुंभ को अंध विश्वास बता रहा था।। फिर क्या मेरे भारत के सूरवीर नागाओं ने धुनाई कर दिया।
जिला संवाददाता योगेश कुमार गुप्ता