ई-रिक्शा और सहारनपुर शहर का ट्रैफिक जाम

आजकल शहरों में ई-रिक्शा एक महत्वपूर्ण साधन बन चुका है, जिससे आम लोग सस्ते और सुविधाजनक सफर का आनंद उठाते हैं। लेकिन इसका दुष्प्रभाव शहर के ट्रैफिक पर साफ दिखाई देता है। संकीर्ण गलियों और मुख्य सड़कों पर अनियंत्रित रूप से दौड़ते ई-रिक्शा जाम की समस्या को और गंभीर बना रहे हैं।  

 

सबसे चिंताजनक बात यह है कि ई-रिक्शा चलाने वालों की कोई न्यूनतम योग्यता तय नहीं है। कई बार कम उम्र के बच्चे और अस्वस्थ बुजुर्ग भी इसे चलाते नजर आते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, कुछ असामाजिक तत्व खाली रिक्शा लेकर बाजारों में घुसकर अराजकता फैलाते हैं, जिससे आम जनता को परेशानी होती है।

 

शासन-प्रशासन को चाहिए कि ई-रिक्शा के संचालन* के लिए नियत मार्ग और ठहराव स्थान निर्धारित किए जाएं। साथ ही, लाइसेंस और प्रशिक्षण अनिवार्य कर इस समस्या को नियंत्रित किया जाए। ई-रिक्शा रोज़गार का साधन है, लेकिन अनियंत्रित संचालन से यह शहरवासियों के लिए मुसीबत बन चुका है, जिसे सुधारने की जरूरत है।

 

रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़

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