ज़हर की दही और तीन लाशें: रजिता का ‘प्यार’ जो मातृत्व पर भारी पड़ गया
स्थान: अमीनपुर, संगारेड्डी जिला, तेलंगाना
तारीख: 27 मार्च 2025
घटना: तीन बच्चों की हत्या, माँ द्वारा ज़हर देकर, प्रेमी संग नई ज़िंदगी शुरू करने की योजना के तहत
शुरुआत – एक आम रात जो कभी खत्म नहीं हुई
गर्मी की एक शांत रात थी। अमीनपुर के एक सामान्य-से घर में तीन मासूम बच्चे—साई कृष्णा (12), मधु प्रिया (10), और गौतम (8)—अपनी माँ के हाथों से बना खाना खाकर सोने की तैयारी में थे।
उनकी माँ रजिता ने दही और चावल परोसे थे—जैसा कि अकसर होता था। बच्चों ने बड़े चाव से खाना खाया।
लेकिन उन्हें क्या पता था कि उस दही में ममता नहीं, मौत घुली हुई थी।
उस रात बच्चों के पिता, चेन्नय्या, किसी इमरजेंसी शिफ्ट के लिए काम पर चले गए थे।
और अगली सुबह जब वो घर लौटे, तो उनके सामने जो दृश्य था, वो किसी डरावने सपने से भी ज़्यादा भयावह था।
सस्पेंस की शुरुआत – एक हादसा या कोई साज़िश?
घर में घुसते ही तीनों बच्चे बेहोश अवस्था में मिले। उनके शरीर ठंडे पड़ चुके थे।
रजिता भी पेट दर्द से तड़प रही थी। वो तुरंत अस्पताल ले जाई गई।
शुरुआत में मामला फूड पॉइज़निंग या सामूहिक आत्महत्या का माना गया। शक की सुई चेन्नय्या पर भी गई—पुलिस को लगा कि शायद उसने ही परिवार को ज़हर देकर मारा है।
लेकिन तभी फॉरेंसिक टीम की रिपोर्ट आई—और उस रिपोर्ट ने इस केस की पूरी दिशा ही बदल दी।
पर्दा हटता है – “माँ ने ही मारा था”
जांच के दौरान पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि बच्चों की मौत खाने में मिले एक विशेष प्रकार के कीटनाशक से हुई थी।
दही के नमूनों में वही ज़हर मिला, और उसके बाद पुलिस ने घर की किचन की गहन तलाशी ली।
CCTV कैमरे खंगाले गए।
रजिता के मोबाइल से एक शख्स शिवा के साथ की गई लगातार बातचीत और रोमांटिक चैट्स सामने आईं।
शिवा कोई और नहीं, रजिता का स्कूल का पुराना दोस्त था, जो हाल ही में दोबारा उसकी ज़िंदगी में लौटा था।
रजिता और शिवा के बीच अवैध संबंध थे। दोनों घंटों फ़ोन पर बात करते, मिलते, प्लानिंग करते।
और एक दिन, उन्होंने फैसला किया—“अगर बच्चे रास्ते से हट जाएं, तो हम साथ जी सकते हैं।”
प्लान – मौत का मेन्यू
रजिता ने प्लान के मुताबिक एक दिन पहले ही बाज़ार से ज़हर मंगवाया।
27 मार्च की शाम को उसने दही में वो ज़हर मिला दिया और बच्चों को खाने के लिए परोस दिया।
शिवा उसे भरोसा दिला रहा था—”सब ठीक होगा। अब कोई हमें रोक नहीं सकता।”
रजिता ने खुद भी थोड़ी मात्रा में वही ज़हर खा लिया—ताकि पुलिस को लगे कि वो भी पीड़ित है, दोषी नहीं।
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खुलासा – जब सच सामने आया
पुलिस की जांच ने शिवा को भी घेर लिया। जब पुलिस ने दोनों से अलग-अलग पूछताछ की, तो बयान मेल नहीं खाए।
कुछ ही घंटों की पूछताछ में रजिता टूट गई और पूरी साजिश कबूल कर ली।
उसने बताया कि वो पति से परेशान नहीं थी, लेकिन शिवा के प्यार में इस कदर अंधी हो गई थी, कि उसे अपने बच्चे भी बोझ लगने लगे थे।
“मुझे बस नई ज़िंदगी चाहिए थी। बच्चों के साथ वो मुमकिन नहीं थी।” – रजिता का कबूलनामा
गिरफ़्तारी और अंजाम
पुलिस ने रजिता और शिवा—दोनों को गिरफ़्तार कर लिया।
अब उन पर तीन बच्चों की हत्या, साजिश और ज़हर देने जैसी संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
पुलिस का कहना है कि इस केस में और भी तकनीकी सबूत जुटाए जा रहे हैं, और जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरा केस सार्वजनिक रूप से रखा जाएगा।
एक माँ का पतन – प्यार की वो हद, जो ममता से भी आगे निकल गई
यह कहानी एक महिला की नहीं, एक सोच की है—जो रिश्तों की मर्यादा तोड़कर उस हद तक पहुँच गई, जहाँ इंसानियत दम तोड़ देती है।
तीन मासूम जानें, जो अपने खिलौनों के साथ खेलना चाहते थे… माँ की गोद में सोना चाहते थे…
उनका अपराध सिर्फ इतना था कि वो उस ‘नई ज़िंदगी’ का हिस्सा नहीं थे जो रजिता ने अपने प्रेमी के साथ देखी थी।