
कलेक्टर के रीडर की नियुक्ति निरस्त करने की मांगः चचेरी बहन का आरोप- फर्जी शपथ पत्र लगाकर नियुक्ति ली; जनसुनवाई में दिया आवेदन
कलेक्ट्रेट में पदस्थ कलेक्टर के रीडर की नियुक्ति के खिलाफ शिकायत की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी तरीके से अनुकंपा नियुक्ति हासिल की। जनसुनवाई में दिए शिकायती आवेदन में उनकी नियुक्ति निरस्त करने की मांग की गई है। बता दें कि सुधीर संत कलेक्टर के रीडर के रूप में पदस्थ हैं। उनकी चचेरी बहन अनुपमा बैरागी ने मंगलवार को जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि सुधीर संत ने फर्जी तरीके से अनुकंपा नौकरी हासिल की।अनुपमा बैरागी ने बताया कि उनके पिता स्व पुरुषोत्तम दास संत गुना कलेक्ट्रेट में क्लर्क के पद पर पदस्थ थे। उनकी मृत्यू सेवाकाल के दौरान अर्थात रिटायरमेंट के पहले हो गई थी। उनको कोई भी पुत्र नहीं था। अनुपमा संत उनकी इकलौती बेटी हैं। सुधीर कुमार संत उनके चचेरे भाई हैं। अनुपमा बैरागी ने बताया कि आठ वर्ष पहले उन्हें जानकारी लगी कि उनके चचेरे भाई सुधीर कुमार संत ने फर्जी तरीके से स्वयं को पुरुषोत्तम दास का उत्तराधिकारी बताकर शासकीय सेवा में नौकरी प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया की। इस प्रक्रिया में अनुपमा बैरागी सहित उनकी मां स्व रामरति बाई का फर्जी शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया। सुधीर कुमार संत की नियुक्ति के समय अनुपमा मात्र 17-18 वर्ष की थीं। इसलिए कलेक्ट्रेट में भी नियुक्ति के संबंध में कभी भी सुधीर कुमार संत के साथ उपस्थित नहीं हुई है। इसका प्रमाण नियुक्ति के संबंध में चली फाइल की किसी भी आदेश पत्रिका पर अनुपमा या उसकी मां रामरति बाई के हस्ताक्षर नहीं है। नियुक्ति की कार्यवाही में जो भी शपथ पत्र अनुपमा बैरागी और उनकी मां का प्रस्तुत किया गया है, वह उनके फर्जी हस्ताक्षर कर प्रस्तुत किया गया। इसके आधार पर सुधीर कुमार संत ने नौकरी प्राप्त कर ली। वर्तमान ने वह कलेक्टर के रीडर हैं। अनुपमा संत ने जनसुनवाई में आवेदन दे कर कार्रवाई की मांग की है।
जिला गुना से गोलू सेन की