घर चलाने के लिए विदेश में मजदूरी करने गए नीमकाथाना के युवक शीशराम (42) को बंधक बना लिया है। मजदूर की पत्नी ने एसडीएम को ज्ञापन देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पति को देश बुलाने की गुहार लगाई है। शीशराम की पत्नी रंजना ने बताया- उसके ननदोई गोपालचंद की उदयपुरवाटी में दुकान है। ननदोई की दुकान पर पति शीशराम की मुलाकात हरिराम गुर्जर से हुई थी। जो नवलगढ़ के भोजपुर का रहने वाला है। उसने मालदीव में अच्छी मजदूरी और ओवरटाइम मिलने का झांसा दिया। हरिराम ने एक लाख 10 हजार रुपए की डिमांड की। जिस पर 90. हजार रुपए में सौदा तय हुआ।
इसके बाद हरिराम ने शीशराम को वीजा और पासपोर्ट लाकर दिया। इसके बाद आठ महीने पहले 16 जुलाई 2022 शीशराम को मालदीव भेज दिया। जहां शीशराम को किसी निजी व्यक्ति के जरिए काम पर रखा गया। इसके बाद नवंबर तक शीशराम को उसके काम के पैसे मिले। इसके बाद उसे काम से निकाल दिया गया, लेकिन इसके बाद 4 महीने तक शीशराम को काम के पैसे नहीं दिए गए। वहां पता चला कि दो साल की बजाय 3 महीने का वीजा बनाकर उसे मालदीव भेज गया है।
खाने के लिए मोहताज
रंजना ने बताया कि पति के पास खाने के लिए भी कुछ नहीं है। बंधक बनाकर एक छोटे कमरे में रखा गया है। रंजना ने दोषी ठेकेदार और एजेंट पर कार्रवाई की मांग की है। घर में मां, पत्नी व बच्चों का बुरा हाल है। परिवार के लोगों ने बताया कि पति की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए पत्नी अधिकारियों के चक्कर
काट रही है।
मंढ़ोली निवासी रंजना देवी ने प्रधानमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन भेजकर पति शीशराम की सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई है। हरिराम ने शीशराम को प्रतिमाह का वेतन 350 डॉलर मिलने का लालच दिया और कहा कि दो घंटे का ओवरटाइम मिलने से प्रतिमाह भारतीय रुपयों के अनुसार करीब 50 हजार रुपए का वेतन के मिल जाएगा।
भाई को भारत लाने की अपील
शीशराम के भाई श्रीराम ने बताया कि शीशराम से वीडियो कॉल पर बात हो रही हैं। उसने कहा कि तीन महीने के काम की सैलरी बकाया थी, लेकिन बकाया वेतन नहीं चाहिए जल्द से जल्द मेरे भाई को वतन में वापस लाओ।
खाने तक का सामान नहीं|
शीशराम की पत्नी ने बताया कि उसके पास ना तो रुपए हैं, ना ही खाने का सामान है। वर्तमान में वो मरने जैसी हालत में है। वहीं बिना पैसों के परिवार का भी बुरा हाल है। महिला अपने पति की विदेश से सुरक्षित वापसी की गुहार लगा रही है। महिला ने बताया कि उसके पति द्वारा वीडियो संदेश बनाकर भेजने पर उसको मामले का पता चला है।
मजदूर ने लगाई गुहार
मजदूरी करने के लिए मालदीव गए शीशराम से जब भास्कर ने बात की तो उसने रो-रोकर अपनी पीड़ा बताई। शीशराम ने बताया कि खाने तक का सामान नही हैं। जल्द से जल्द मुझे मेरे घर पर आना है। पीड़ित शीशराम ने बताया कि मालदीव में स्थित तिलाफसी में पवार इन्वेस्टमेंट में मजदूरी करने के लिए गया था। वह 17 जुलाई 2022 को नीमकाथाना से रवाना हुआ। इसके बाद 18 जुलाई 2022 से काम पर लग गया।
इसके बाद उसने 6 महीने काम किया और 4 महीने का वेतन मिला। उसके बाद 2 महीने का वेतन रोक लिया गया। इसके बाद काम के लिए टॉर्चर किया गया। उससे 16 से 17 घंटे का करवाते हैं और पैसा भी नही देते हैं, फिर मेरी नाइट को ड्यूटी लगाई गई।
इसके बाद परेशान होकर ऐंबैसी में गया। कहा- ना तो काम दिया जा रहा है। ना ही पैसा मिल रहा है, फिर मुझे को घर पर भेजो। जिस पर दूतावास ने उसे पेपर दिया और उसमें लिखा कि इस आदमी को पैसों की जरूरत है, इसे पैसे दिए जाएं या घर वापस भेजा जाए। इस पेपर उसने कंपनी में दे दिया, जहां वो काम करता था।
इसके एक महीने बाद बॉस ने कॉल किया और कहा कि तू काम पर लग जा तेरे को कही नहीं जाना हैं, तो मैंने साफ मना कर दिया और बोला कि पहले की सैलरी दे दो। इसके बाद वे लोग उससे जबरदस्ती काम कराने लग गए। 2-4 लोग उससे जबरदस्ती नाइट में 10 घंटे काम कराने लगे। इसके बाद मैंने ऐजेंट से बात की तो उसने गाली गलौज की। इसके बाद किसी साथी ने इमिग्रेशन ऑफिस जाने की सलाह दी। जिस पर मैं पासपोर्ट की कॉपी लेकर वहां गया तो उन्होंने कहा कि तीन महीने का वीजा था, जो कि एक्सपायर हो चुका था। इस पर उसे 75 हजार भारतीय रुपए फाइन भरने को कहा गया। इसके बाद वह वापस अपने बॉस के पास गया, तो उसने मुझे वापस भेजने से मना कर दिया।
बच्चों को अपने पिता का इंतजार
मजदूर शीशराम के दो बच्चे हैं। जिनका नाम हीना(11) और आशुतोष (9) है। दोनों आपने पिता से वीडियो कॉल पर बात करते हैं। जिस पर उनके पिता उन्हें जल्द आने का आश्वासन देते हैं।
एजेंट पर दर्ज कराई FIR
पीड़ित परिवार ने शीशराम को मालदीव भेजने वाले एजेंट हरिराम पर सदर थाने में धोखाधड़ी से मालदीव भेजने पर उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाया हैं। जिसमें बताया कि एजेंट ने फर्जी तरीके से 3 साल का वीजा देने पर तीन महीने का ही वीजा बनाया।
नीमकाथाना एसडीएम राजवीर यादव ने बताया कि पीड़ित परिवार के लोगों ने ज्ञापन दिया था और प्रधानमंत्री से वतन वापसी की गुहार लगाई है। ज्ञापन को आगे भेज दिया गया है। परिवार की पूरी सहायता का आश्वासन दिया गया है।
रिपोर्टर कपिल देव शर्मा नीमकाथाना राजस्थान