*अब नहीं करना पड़ेगा अमृत बरसने का इंतजार सरकार बनवा रही है अमृत सरोवर*

स्वतंत्रता के 75 वें साल पर अमृत महोत्सव के तहत मनरेगा के अन्तर्गत सभी जिले में 75 अमृत सरोवर निर्माण का लक्ष्य निर्धारित करते हुए अमृत सरोवर अभियान तो शुरु किया गया है लेकिन इनका लाभ इस मानसूनी सीजन में मिलना मुश्किल नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमृत सरोवर के आह्वान को मूर्त रूप देने के लिए मध्य प्रदेश में प्रयास जारी हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमृत सरोवर अभियान की समीक्षा करते हुए कहा है कि प्रदेश में निर्मित कराए जा रहे अमृत सरोवरों को दर्शनीय स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा। अमृत सरोवर के आस-पास ऐसा वातावरण निर्मित किया जाए, जहां ग्रामीण घूमने जाएं और आनंद का अनुभव ले सकें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जलाभिषेक अभियान में वर्षा के जल को संरक्षित करना आवश्यक है, जिससे भविष्य के लिये अधिक से अधिक वर्षा जल संग्रहीत किया जा सके। यह हम सबकी जिम्मेदारी है।मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि जिन गांवों में अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं, वह अच्छे बनें, उनमें किसी भी प्रकार की कमी न रहे, उनके आस-पास घाट निर्माण एवं वृक्षा-रोपण का कार्य भी किया जाए।
उन्होंने कहा कि तालाबों की फोटो विभाग के पोर्टल पर भी अपलोड किए जाए। तालाबों का उपयोग बेहतर ढंग से हो।पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में अमृत सरोवर निर्माण का कार्य तीव्र गति से और अच्छे ढंग से किया जा रहा है।
प्रदेश में 15 जून के पहले लगभग तीन हजार तालाब पूर्ण कर लिए जाएंगे। उपरोक्त दावे व आंकड़े मध्यप्रदेश शासन के है l डिंडोरी जिले में भी इस अभियान के तहत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के माध्यम से कार्य कराए जा रहे हैं l कराए जा रहे कार्यों में 14 नवीन तालाब 46 चेक डैम 23 स्टॉप डेम कार्य शामिल है l मजेदार बात यह है कि सरकार कह रही है कि तालाब निर्माण कराए जा रहे हैं जो दर्शनीय होंगे जहां लोग घूमने फिरने का आनंद ले सकेंगे l किंतु डिंडोरी जिले में कराए जा रहे निर्माण कार्यों के स्थल चयन व निर्माण को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं l जिले में इस अभियान के तहत कराए जा रहे निर्माण कार्य वह सरकार की मंशा का पतीला लगना लगभग तय है l सरकारी वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार सरकार नवीन तालाब का निर्माण इस अभियान के तहत करवा रही है किंतु इस अभियान के तहत जिले में चल रहे निर्माण कार्य की सूची को देखकर ऐसा लगता है मानो सरकार की आवाज डिंडोरी जिला प्रशासन तक नहीं पहुंची है l
यदि सरकार की आवाज डिंडोरी जिला प्रशासन तक पहुंचती तो शायद जिला प्रशासन स्टॉप डेम और चेक डैम नहीं बनवा रहा होता l लंबे समय से काम के इंतजार में बैठे कार्यालय विभाग के कर्मचारियों में इन कार्यों को लेकर भारी उत्साह थालगने लगा था कि भाजपा के इस अमृत काल में निर्माण कार्यों के नाम बरस रहे अमृत काल के अमृत में उन्हें भी कुछ अमृत पीने मिल जाएगा ? सरकार ने लोगों का भ्रम ही तोड़ दिया सरकार ने ऐसे लोगों के लिए अमृत तालाब ही बनवाने जा रही है l
जहां भरे अमृत से जो जितना चाहे उतना पी सकता है देखना यह है कि यह है कि अमृत के तालाब कब भरते है ? इस खुशी के चलते ही अपने-अपने के निर्माण कार्यों में अपनी जमा पूंजी लगा बैठे l इन्हें तो यह लग रहा था कि धीरे-धीरे हम अमृत पीते रहेंगे और काम भी चलता रहेगा l किंतु सरकार की ओर से प्रशासन जारी दिशानिर्देश के बाद प्रशासन की ओर से की गई शक्ति के बाद अमृत पीने की चाह रखने वाले अब बूंद बूंद अमृत के लिए तरस रहे हैं l सरकार व प्रशासन के सख्त आदेश के बाद इनकी हालत गंभीर हो गई है l सरकार की मंशा अनुरूप प्रशासन ने जाहिर कर दिया है कि अमृत सरोवर के काम 15 जून तक पूर्ण कर लिए जाएं l प्रशासन की शक्ति के बाद निर्माण कार्य में लगे लोगों की हालत बद से बदतर हो गई है l कार्य एजेंसी विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने अपने अपने स्तर पर सामान खरीदें उन्हें उम्मीद थी कि धीरे-धीरे भुगतान हो जाएगा और सबकुछ सामान्य हो जाएगा l किंतु अब तक अमृत महोत्सव के अमृत सरोवर के निर्माण कार्यों का कोई भुगतान नहीं हुआ है l
भुगतान नहीं होने से बेचैनी बढ़ गई है l एक तो बहुत दिनों बाद विभाग को कोई बड़ा काम मिला था जिससे जिससे उत्साहित लोग अपने अपने चहेते ठेकेदारों के माध्यम से निर्माण कार्य में जुट गए l आज न केवल कर्मचारी के साथ ही साथ ठेकेदार व दुकानदार सब की हालत पतली है l दुकानदार व ठेकेदार को लगने लगा है कि कहीं ऐसा ना हो कि अधिकारी किसी दूसरे के नाम से भुगतान कर अपना जुगाड़ कर ले l वैसे भी विभाग के अधिकारी इन सब कामों में माहिर हैं निर्माण कार्यों का अमृत तो इन्हें मिलेगा ही मिलेगा जिसे कोई नहीं रोक सकता l
शासन व प्रशासन इनके कार्यों को लेकर दूसरे अन्य विभागों के कार्यपालन यंत्रीयों से सतत निगरानी करवा भी रहा है इसके बावजूद भी होना वही है जो हमेशा से होता रहा है l निर्माण कार्य तो होंगी किंतु कैसे होंगी आने वाला वक्त ही बताएगा l जिन कार्यों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि अमृत सरोवर के निर्माण कार्य दर्शनीय होंगे ? विभाग द्वारा करवाए जा रहे इन कामों को लेकर जिले वासी बिल्कुल भी उत्साहित नहीं है?
उन्हें पता है कि जिले में कराए जा रहे अमृत सरोवर के काम जैसे स्टाफ डेम जो हमेशा की तरह नॉन स्टॉप ही रहेंगे चेक डैम जिन्हें किसी को चेक करना ही नहीं है या लोगों को यह पता ही नहीं है कि यह कैसा चेक डैम है जिसे न कोई चेक करने आता है और चैक भी करते हैं तो क्या करते हैं यह तो पता नहीं है l इस तरह के कार्य तो केवल विभागों के माध्यम से कमाई का एक जरिया होता है l क्या इसके चलते ही जिले वासियों को इन निर्माण कार्यों में कोई दिलचस्पी नहीं है या कोई उत्साह नहीं है ?
जिले वासियों का उत्साह नहीं होने के कारण यह भी है कि विभाग द्वारा या प्रशासन द्वारा इन कार्यों के लिए चयन किए गए कार्य स्थल लगभग अनुपयोगी साबित हो रहे हैं जिसको लेकर कार्यस्थल में गए निरीक्षण दल ने भी प्रशासन को अवगत करा दिया है उसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा ऐसे अनुपयोगी स्थल पर निर्माण कार्य क्यों कराए जा रहे हैं इसका जवाब तो केवल प्रशासन ही दे सकता है क्योंकि अमृत बरस रहा है l
इंडियन टीवी न्यूज़ संवाददाता मो0 सफर ज़िला डिंडोरी मध्य प्रदेश