जनपद फतेहपुर न्यूज़।
दीपक मिश्रा रिपोर्ट,राम जी कैमरा मैंन के साथ इंडियन टीवी न्यूज चैनल
फतेहपुर: कॉलेज परिसर में हो रही है गांजे की खेती, DIOS बोले- जांच के बाद होगी कड़ी कार्रवाई
कॉलेज परिसर में हो रही है गांजे की खेती
जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जीआईसी स्कूल के प्रिंसिपल बहुत ही सेंसेटिव रहते हैं, ऐसे में हो सकता कि स्कूल में गांजे के पौधे होने की बाद उनके संज्ञान में न हो.
फतेहपुर. उत्तर प्रदेश सरकार नशे के अवैध कारोबारियों के खिलाफ भले ही मुहिम छेड़ रखी हो, लेकिन फतेहपुर में इसका कितना असर है, यह शिक्षा के मंदिर में लहलहाती खड़ी अवैध गांजे की फसल सारे दावों की पोल खोल रही है. शहर के जीआईसी इंटर कॉलेज में सैकड़ों की तादाद में खड़े अवैध गांजे के पौधे सारे सिस्टम को कठघरे में खड़ा करने के लिए काफी है. आखिर शिक्षा के मन्दिर में गांजे का क्या काम है? गांजे के पौधे स्कूल के अंदर किस तरह पहुंचे? इन तमाम सवालों का किसी के पास कोई माकूल जवाब भी नहीं है.
सदर कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित जीआईसी कॉलेज में कक्षा 6 से लेकर 12 तक के छात्रों को शिक्षा दी जाती है. साथ ही इसी स्कूल की बाउंड्री के अंदर केंद्रीय विद्यालय भी बनकर तैयार हो चुका है. इसी वर्ष केंद्रीय विद्यालय में बच्चों के दाखिले होने हैं. इसी स्कूल की बाउंड्री से लगा हुआ विद्यालय निरीक्षक का कार्यालय भी मौजूद है. इसके बावजूद स्कूल के अंदर अवैध गांजे की फसल तैयार की जा रही है. कॉलेज के क्लास रूम के समीप सैकड़ों की तादाद में अवैध गांजे के पौधे खड़े
बिना इजाजत स्कूल के अंदर जाना मना है. अगर किसी को स्कूल के अंदर जाना हो तो गेटमैन से परमिशन लेनी होती है और गेट पर रखे हुए रजिस्टर में अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर के साथ स्कूल के अंदर जाने की वजह भी लिखनी होती है. इसके बाद स्कूल परिसर में प्रवेश मिलता है. इतनी सख्त सिक्योरिटी होने के बावजूद अवैध गांजे के बीज इतनी बड़ी तादाद में स्कूल के अंदर क्लास रूम के समीप कैसे पहुंचे. इस सम्बंध में समाजसेवी और नशा मुक्ति अभियान के राष्ट्रीय संयोजक रूपम मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने शिक्षा के मन्दिर में खड़े गांजे के पौधों को बहुत ही शर्मनाक बताते हुए स्कूल के ज़िम्मेदारों को दोषी ठहराया है.
जांच के बाद होगी कड़ी कार्रवाई- DIOS
जिला विद्यालय निरीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वैसे तो जीआईसी स्कूल के प्रिंसिपल बहुत ही सेंसेटिव रहते हैं, ऐसे में हो सकता कि यह मामला उनके संज्ञान में न हो या पौधे को पहचानते न हों. तत्काल हम उसकी जांच करवाएंगे और उसको वहां से हटवाएंगे. उन्होंने कहा कि यह गलत बात है ऐसा हरगिज नही होना चाहिए. शिक्षा के मंदिर में इस तरह के पौधे नहीं होने चाहिए. अगर बिना जानकारी के इस तरह कें पौधे खड़े भी हैं तो जानकारी में लेकर तुरन्त उस पर कार्रवाई की जाएगी.
