रिपोर्टर सुरेन्द्र सिंह बडेर अलवर
अलवर। एम्बुलेंस चालक हमारे समाज की एक अहम् कड़ी है जो आपातकालीन स्थिति में मरीज को कम से कम समय में अस्पताल पहुंचाने में सहायक होते हैं। ऐसा कहा जा सकता है की किसी भी दुर्घटना / आपातकालीन स्थिति में ये पहले स्वास्थ्य कर्मचारी है जो संपर्क में आते है, और एम्बुलेंस दिखते ही मरीज और परिजन भी आश्वस्त हो जाते हैं। आवश्यकता नहीं पड़ने पर हमारा ध्यान इनकी और कभी नहीं जाता है।
एक एम्बुलेंस चालक का जीवन जिम्मेदारी वाला और तनावपुर्ण भी होता है। ये एक ऐसी सेवा है जिसमें चालक को 24 घंटे, 365 दिन ततपरता से तैयार रहना होता है। फोन पर उपलब्ध रहना, भीड़ भाड़ के समय में भी कम समय में अस्पताल पहुँचाना, कोई परिस्थिति बन जाए तो मरीज अथवा परिजन से विवाद हो जाना, और कभी कई दिनों तक कोई काम नहीं होना जैसी अनेक समस्याएं हैं।
मरीज/परिजन के नजरिये से देखें तो उनके लिए तो उनके साथ हुई दुर्घटना पहली है और सबसे गंभीर है। उनकी ये आशा रहती है की एम्बुलेंस चालक उनके प्रति संवेदनशील रहे, महिला मरीज हो तो उसकी गरिमा का पूरा ध्यान रखे, एम्बुलेंस चालक होने के नाते – दुर्घटना स्थल से अस्पताल तक की गंभीर यात्रा में चालक बिना ब्रेक के सबसे तेज चले और बिच में आवश्यकता होने पर प्राथमिक उपचार भी कर सके
इसको ध्यान में रखते हुए डॉ गोपाल राय चौधरी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा एम्बुलेंस चालकों के लिए निःशुल्क प्राथमिक चिकित्सा (बेसिक लाइफ सपोर्ट) शिविर का आयोजन किया जा रहा है। ये प्रशिक्षण राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के IMA हॉल में अनुभवी ट्रेनर द्वारा दिया जाएगा, एम्बुलेंस की साफ़ सफाई पर ध्यान देने लायक बातें, चालक के हाइजीनिक रहना (नाख़ून, बाल आदि छोटे हों), महिला मरीज की गरिमा का ध्यान आदि।
इस प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए पूर्व पंजीकरण की आवश्यकता है। प्रशिक्षण बैच की संख्या सिमित है, पहले आओ – पहले पाओ। प्रशिक्षण पाने वाले चालक को प्रमाण पत्र और BLS (Basic Life Support) TRAINED ड्राइवर का एम्बुलेंस में सामने लगाने योग्य स्टीकर दिया जाएगा।