क्या वर्तमान डेंगू चक्र अनजाना है? डॉ. लियाकत अली मंसूरी
डेंगू बुखार: डेंगू वायरस मच्छरों के माध्यम से फैलता है, जिससे होने वाला बुखार सामान्यत: फ्लू जैसे लक्षणों से शुरू होता है। परंतु, कुछ मामलों में यह गंभीर डेंगू (डेंगू रक्तस्रावी बुखार) में बदल सकता है, जो जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है। दूसरी बार संक्रमण होने पर इसके गंभीर लक्षणों का खतरा अधिक होता है। यदि किसी व्यक्ति को एक बार डेंगू हो चुका है, तो उसके लिए टीकाकरण संभव है। डेंगू और प्लेटलेट्स की स्थिति: आमतौर पर डेंगू में रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है। हालांकि, वर्तमान समय में एक अनोखी परिस्थिति देखने को मिल रही है, जहां मरीजों में प्लेटलेट्स सामान्य आ रही हैं और बुखार के लक्षण भी नहीं दिख रहे, फिर भी डेंगू टेस्ट पॉजिटिव आता है। ऐसे मामलों में चिकित्सक असमंजस में पड़ सकते हैं। डेंगू वायरस: डेंगू वायरस (DENV) एक मच्छर जनित वायरस है, जो फ्लेविविरिडे परिवार का हिस्सा है। यह एकल पॉजिटिव-स्ट्रैंडेड RNA वायरस है, जिसकी जीनस फ्लेविवायरस है। यह अस्थि मज्जा पर असर डालता है, जिससे प्लेटलेट्स का उत्पादन प्रभावित होता है और उनकी संख्या में गिरावट होने लगती है। डेंगू के लक्षण: मच्छर के काटने के 4 से 10 दिनों के भीतर डेंगू के लक्षण प्रकट होते हैं, जो 3 से 7 दिन तक बने रह सकते हैं। डेंगू से पीड़ित लगभग 5% मामलों में गंभीर डेंगू विकसित हो सकता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकान, कमजोरी, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, और मामूली चोट से खरोंच के निशान बनना शामिल है। शरीर के किसी भी हिस्से से रक्तस्राव की संभावना होती है। पोषण: डेंगू के दौरान पोषण पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। पत्तेदार सब्जियां, आयरन युक्त खाद्य पदार्थ, दालें, कद्दू के बीज, डेयरी उत्पाद, ओमेगा-3, विटामिन और अन्य खनिजों से भरपूर भोजन लेना चाहिए।यूनानी चिकित्सा: डेंगू के उपचार में यूनानी चिकित्सा की भूमिका भी अहम है। इसमें हब्बे बुखार, अर्क चिरायता, तुलसी, नीम गिलोय, पपीते के पत्तों का रस, बकरी का कच्चा दूध, किशमिश आदि का सेवन कराया जाता है। इसके अलावा, शर्बत फौलाद और शर्बत अंजबार जैसे औषधीय पेय भी दिए जाते हैं।डॉ. लियाकत अली मंसूरी (यूनानी चिकित्सक एवं हिजामा थेरापी विशेषज्ञ) यूनानी जिला अधिकारी, जयपुर सिटी एस.एम.एस. अस्पताल, जयपुर (राज.)
*जयपुर से संवाददाता एहसान खान*