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खुशखबरी शुरुआत हो गई शिक्षा मंत्री ने मेरे बातों को समझा प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर सरकार ने कसी नकेल

नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो हजारीबाग

खुशखबरी शुरुआत हो गई शिक्षा मंत्री ने मेरे बातों को समझा प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर सरकार ने कसी नकेल, 78 स्कूलों को जारी हुआ नोटिस, कल तक देना होगा जवाब-अभिषेक

हजारीबाग: निजी स्कूलों की मनमानी पर राज्य सरकार ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है। हजारीबाग के समाजसेवी अभिषेक कुमार ने कहा की शिक्षा विभाग के आदेश को ठेंगा दिखाकर मनमाने तरीके से अभिभावकों से वसूली करने वाले निजी स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जानकारी के मुताबिक पूर्वी सिंहभूम के 78 प्राइवेट स्कूलों के संचालकों से जवाब मांगा गया है। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने स्पष्ट किया है कि जवाब आने के बाद जरूर कार्रवाई होगी।

आगे कहा कि जानकारी अनुसार डीईओ और डीएसई की तरफ से कुल 78 स्कूलों को नोटिस जारी किया है, जिसमें अलग-अलग वजहों से पैसे लेने के साथ-साथ तीन साल का रिकार्ड भी मांगा गया है। जानकारी के मुताबिक नोटिस में उस निर्देशों का भी जिक्र किया गया है, जिसमें ये स्पष्ट किया गया है कि कोई भी स्कूल किसी बच्चे को खास दुकान से ड्रेस या किताब के साथ अन्य सामग्री की खरीदी के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।

लेकिन नियमों की लगातार स्कूलों की तरफ से की जा रही है। स्कूलों के भौतिक सत्यापन के साथ-साथ दी गयी जानकारी की आडिट की जायेगी। अगर स्कूलों ने गलत जानकारी दी, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। 78 स्कूलों से 3 अप्रैल तक जवाब मांगा गया है। दरअसल विभाग को ये शिकायत मिली है कि अधिक आय के बावजूद लगातार फीस में वृद्धि की जा रही है।

दरअसल फीस का निर्धारण सालों के लिए होता है, लेकिन कुछ स्कूलों में इसका पालन नहीं हो रहा है। कुछ स्कूल हर साल फीस बढ़ा रहे हैं। झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के नियम-7अ (1) (छ) में वर्णित है कि दो साल में अधिक से अधिक 10 फीसदी फीस की बढ़ोतरी की जा सकती है. यदि इससे अधिक बढ़ोतरी होती है तो उसके लिए समिति से अनुमोदन करवाना होगा। लेकिन, कई जगहों पर इसका भी पालन नहीं हो रहा है।

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