रिपोर्ट /केदार नाथ कुशवाहा बहराइच
बहराइच- सुखडी पुरवा, सुजौली में हुई बैठक में सदस्यों का कोरम पूरा रहा। बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान श्री राजेश कुमार गुप्ता ने की। बैठक में विशिष्ट अतिथि के तौर पर चहलवा ग्राम पंचायत के प्रधान प्रतिनिधि श्री प्रीतम निषाद, बाजपुर वनकटी के प्रधान प्रतिनिधि श्री प्रदीप कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी आदि मौजूद रहे।
सर्वप्रथम भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया गया।
बैठक में अनुसूचित जनजाति अन्य परंपरागत वन निवासी( वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 नियम 2007 व संशोधित नियम 2012 की सुसंगत धाराओं के तहत दावा सत्यापन हेतु वनटांगिया ग्राम सुखडी पुरवा के वन निवासियों द्वारा दावा पत्रावली प्रस्तुत की गई।दावे पर समिति के सदस्यों के द्वारा विचार किया गया और पाया गया कि जो दावेदार अन्य परंपरागत वन निवासी समुदाय से है और तीन पीढियां से भी अधिक समय से वन /वनभूमि पर निर्भर है। इनके द्वारा दावा पत्रावली में वन अधिकार कानून 2006 के नियम-2007 की धारा -13 के अनुसार संलग्न किए गए साक्ष्यों का अवलोकन किए गए हैं और सभी साक्ष्य मूल दस्तावेजों की छाया प्रति के रूप में संलग्न है और दावेद्वार के द्वारा स्वयं प्रमाणित हैं। इनके वन भूमि पर बसे होने का पूर्व में ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति के द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया था। उन सभी प्राप्त नतीजों और संलग्न किए गए साक्ष्यों के आधार पर 24 दावों को स्वीकृत और 4 दावों को अस्वीकृत करने का निर्णय लिया गया ।
बैठक को सम्बोधित करते हुए ग्राम प्रधान श्री राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि वन अधिकार कानून 2006 का लाभ सभी पात्र परिवारों को दिलाया जाएगा ताकि वन भूमि पर निर्भर समुदाय भी देश की मुख्य धारा से जुड सके।
प्रधान प्रतिनिधि प्रीतम निषाद ने कहा कि आजादी के 76 साल बाद भी अभी समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक आजादी नहीं मिल सकी है।
बैठक में सुखडी पुरवा सुजौली के सैकड़ो महिला पुरुष मौजूद रहे। बैठक के अंत में सभी आगंतुकों को ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति के अध्यक्ष नगीना मौर्य और सचिव रघुवीर चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।