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कोरोना की तीसरी लहर से पहले BMC के सीरो सर्वे में खुलासा, मुंबई के 51 फीसदी बच्चों में पाई गई एंटीबॉडी

बीएमसी की तरफ से जो सैंपल लिए गए उसमें 10 से 14 साल की उम्र के करीब 53.43 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई.

मुंबई. एक तरफ जहां मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए सरकार तमाम तैयारियां करने में जुटी हुई है, वहीं बीएमसी द्वारा कराए गए एक सीरो सर्वे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. बीएमसी द्वारा कराए गए सीरो सर्वे में यह बताया गया है कि मुंबई के 51 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है. हालांकि बच्चों में यह एंटीबॉडी कैसे विकसित हुई है, इसको लेकर बीएमसी भी पता नही कर पाई है. बीएमसी का कहना है कि इन बच्चों में एंटीबॉडी या तो कोविड के कारण विकसित हुई है या फिर नैचुरली.

बीएमसी से मिली जानकारी के मुताबिक 1 अप्रैल से 15 जून के बीच मुंबई के कुल 24 वार्डों से करीब 2176 बच्चों के नमूने लिए गए. हर वार्ड से करीब 100 बच्चों का नमूना लिया गया. इन नमूनों की जांच मुंबई के दो बड़े अस्पतालों नायर और कस्तूरबा में की गई. इस जांच में यह जानकारी सामने आई कि 51 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है, जो कि एक राहत वाली बात है. जिन बच्चों में एंटीबॉडी विकसित हुई है उनको लेकर बीएमसी का मानना है कि तीसरी लहर में उन्हें कोरोना होने का खतरा कम रहेगा.

बीएमसी की तरफ से जो सैंपल लिए गए उसमें 10 से 14 साल की उम्र के करीब 53.43 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई. 1 से 4 साल उम्र के बच्चों में 51.04 फीसदी, 5 से 9 साल के बच्चों में 47.33 फीसदी और 15 से 18 साल के बच्चों में 51.39 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है. यानी औसतन 1 से 18 साल के बीच बच्चों में 51.18% फीसदी एंटीबॉडी पाई गई है.

बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि यह बड़ी राहत की खबर है. हालांकि इन बच्चों में एंटीबॉडी या तो कोविड के कारण हुआ है या फिर नैचुरली डेवलप हुआ है.

Bureau Chief-
साकिब हुसैन
INDIAN TV NEWS
मुंबई
www.indiantvnews.in

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